औरैया में 150 परिवारों को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, दिबियापुर में सैकड़ों मकानों के ध्वस्तीकरण पर रोक

औरैया में 150 परिवारों को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, दिबियापुर में सैकड़ों मकानों के ध्वस्तीकरण पर रोक

Allahabad High Court Order

Allahabad High Court Order

Allahabad High Court Order: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने औरैया के दिबियापुर में 100 से अधिक मकान के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी है. मकानों का ध्वस्तीकरण 14 सितंबर को किया जाना था. जिसे देखते हुए याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ताओं ने मुख्य न्यायाधीश से विशेष रूप से अनुरोध कर मामले की सुनवाई करने की अनुमति मांगी. जिस पर मुख्य न्यायाधीश ने देर शाम जस्टिस एसडी सिंह और डी रमेश की विशेष पीठ गठित की. पीठ ने देर शाम मामले पर सुनवाई करते हुए मकानों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी है.

याचिकाकर्ता सत्य प्रकाश व अन्य का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ सिंह और अधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा ने अदालत को बताया कि जिलाधिकारी औरैया ने 9 सितंबर को लोगों के मकान पर नोटिस चस्पा कर कब्जा हटा लेने के लिए कहा था. इसके बाद मुनादी भी कराई गई और 14 सितंबर को मकान को गिराने की तैयारी थी.

तत्काल सुनवाई का किया था अनुरोध

मकान गिराने की प्रशासन की हड़बड़ियों को देखते हुए याचिकाकर्ता ने मामले को हाई कोर्ट के सामने रखा. चीफ जस्टिस से तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया. इसके बाद सुनवाई के लिए बैठी स्पेशल बेंच ने कार्रवाई पर रोक लगा दी है. याचिकाकर्ता की ओर से कई तथ्य भी कोर्ट के समक्ष पेश किए गए हैं.

अधिवक्ता का तर्क था कि याचिकाकर्ता 1968 में सिंचाई विभाग की जमीन पर रह रहा है. 1993 तक उनसे किराया भी लिया जाता रहा है. इस बीच एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने प्रशासन से मौके की रिपोर्ट मांगी थी. जनहित याचिका में कहा गया कि सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है. हाई कोर्ट का नोटिस मिलने के बाद जिलाधिकारी ने मकान के ध्वस्तीकरण के लिए आदेश पारित कर दिया.

50-60 मकान गिराए जा चुके हैं

इससे पहले भी औरैया में कन्नौज मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 50-60 मकान गिराए जा चुके हैं जबकि अन्य का मामला न्यायालय में लंबित था. हाई कोर्ट ने पूर्व में इस मामले में याचिकाकर्ता को अधिकारियों के समक्ष प्रतिवेदन देने के लिए कहा था. जिसे 4 मई 2024 और 20 मई 2024 को अधिकारियों ने निरस्त कर दिया.

डीएम ने नोटिस लगवा दिया था

इसके बाद जिलाधिकारी ने सभी मकानों पर ध्वस्तीकरण के लिए नोटिस चस्पा कर दिया. इस प्रकरण की अगली सुनवाई 17 सितंबर को नियमित अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. ध्वस्तीकरण की नोटिस के बाद मकानों में रह रहे लोग इस बात से भी चिंतित हो गए थे कि आखिर वो अपने समानों को लेकर कहा जाएंगे. फिलहाल निवासियों को फौरी तौर पर राहत मिल गई है.

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